भाग्यचक्र उज्जैन

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पूजा जानकारी

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मंगल शांति

सर्वप्रथम हम जानते हैं कि जन्म कुंडली में मंगल दोष/मांगलिक दोष/मांगलिक योग कैसे निर्मित होता है। जब किसी जातक की जन्मकुंडली में मंगल ग्रह लग्न भाव में, मंगल ग्रह चतुर्थ भाव में, मंगल ग्रह सप्तम भाव में, मंगल ग्रह अष्टम भाव में अथवा द्वादश भाव मे मंगल ग्रह हो तो जातक की कुंडली मांगलिक कहलाती हैं। मांगलिक दोष का सर्वाधिक प्रभाव विवाह कर्म, वैवाहिक जीवन, जातक के व्यापार व्यवसाय, स्वास्थ्य आदि पर मुख्य रूप से प्रभाव डालता है। यदि कन्या अथवा वर में से एक मांगलिक होता है व दूसरा मांगलिक नहीं होता है तो वैवाहिक जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं। मंगल दोष होने से विवाह होने में काफी परेशानी होती है या देरी होती है। यदि विवाह हो भी जाए तो विवाह के बाद भी वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रहता और कई तरह की परेशानियां जीवन में लगी रहती है।

                                   
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